गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी पढ़िए हिन्दी में ।Read some interesting information related to cow in Hindi.
गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी:
360 डिग्री का नज़रिया: गायें अपनी आँखों से लगभग 360 डिग्री तक देख सकती हैं। इसका मतलब है कि वे अपने पीछे की ओर देख सकती हैं बिना अपना सिर घुमाए।
800 से अधिक नस्लें: दुनिया भर में गायों की 800 से अधिक विभिन्न नस्लें मौजूद हैं। इनमें से प्रत्येक नस्ल का अपना अनूठा आकार, रंग, स्वभाव और दूध उत्पादन क्षमता होती है।
सामाजिक प्राणी: गायें सामाजिक प्राणी होती हैं और झुंड में रहना पसंद करती हैं। वे एक दूसरे के साथ संवाद करने के लिए विभिन्न प्रकार की आवाज़ों का उपयोग करती हैं, जैसे कि मूं, खर्राटे और घुरघुराहट।
ऊपरी अगले दाँत नहीं: गायों के ऊपरी अगले दाँत नहीं होते हैं। इसके बजाय, उनके पास एक कठोर पैड होता है जिसे "इंसिज़िव पैड" कहा जाता है, जिसका उपयोग वे भोजन को पीसने के लिए करती हैं।
4 घंटे की नींद: गायें एक दिन में केवल 4 घंटे सोती हैं। वे छोटी-छोटी झपकियां लेती हैं, जो पूरे दिन में फैली होती हैं।
पाचन तंत्र: गायों का पाचन तंत्र जटिल होता है और वे चार पेटों का उपयोग भोजन को पचाने के लिए करती हैं। वे जुगाली करने वाले जानवर भी होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे भोजन को दोबारा चबाते हैं ताकि इसे पूरी तरह से पचाया जा सके।
धार्मिक महत्व: कई संस्कृतियों में गायों को पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में, गाय को माता का दर्जा दिया जाता है और उसकी पूजा की जाती है।
आर्थिक महत्व: गायें डेयरी उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे दूध, मक्खन, पनीर और दही जैसे कई डेयरी उत्पादों का उत्पादन करती हैं।
पर्यावरणीय प्रभाव: गायों का पर्यावरण पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। वे मीथेन गैस का उत्सर्जन करती हैं, जो एक ग्रीनहाउस गैस है।
वैज्ञानिक अनुसंधान: वैज्ञानिक गायों का अध्ययन विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए करते हैं, जैसे कि पोषण, आनुवंशिकी और व्यवहार। गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।
गौ माता में तैंतीस कोटी देवी देवताओं का वास है ।
जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं ।
गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है ।
जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है ।
गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते ।
गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है ।
गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता है ।
गौ माता के गोबर से बने उपलों का रोजाना घर दूकान मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है सकारात्मक ऊर्जा मिलती है । गौ माता के एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है ।
गाय इस धरती पर साक्षात देवता है ।
गौ माता अन्नपूर्णा देवी है कामधेनु है । मनोकामना पूर्ण करने वाली है ।
गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है ।
गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है । किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है ।
गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है । उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है । रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है ।
गौ माता का दूध अमृत है ।
गौ माता धर्म की धुरी है ।
गौ माता के बिना धर्म कि कल्पना नहीं की जा सकती ।
गौ माता जगत जननी है ।
गौ माता पृथ्वी का रूप है ।
गौ माता सर्वो देवमयी सर्वोवेदमयी है । गौ माता के बिना देवों वेदों की पूजा अधुरी है ।
एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है ।
गौ माता से ही मनुष्यों के गौत्र की स्थापना हुई है ।
गौ माता चौदह रत्नों में एक रत्न है ।
गौ माता साक्षात् मां भवानी का रूप है ।
गौ माता के पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते हैं ।
गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है । इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं ।
गौ माता को घर पर रखकर सेवा करने वाला सुखी आध्यात्मिक जीवन जीता है । उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती ।
तन मन धन से जो मनुष्य गौ सेवा करता है । वो वैतरणी गौ माता की पुछ पकड कर पार करता है। उन्हें गौ लोकधाम में वास मिलता है । गौ माता के गोबर से ईंधन तैयार होता है । गौ माता सभी देवी देवताओं मनुष्यों की आराध्य है; इष्ट देव है ।
साकेत स्वर्ग इन्द्र लोक से भी उच्चा गौ लोक धाम है 31. गौ माता के बिना संसार की रचना अधुरी है ।
गौ माता में दिव्य शक्तियां होने से संसार का संतुलन बना रहता है ।
गाय माता के गौवंशो से भूमि को जोत कर की गई खेती सर्वश्रेष्ट खेती होती है ।
गौ माता जीवन भर दुध पिलाने वाली माता है । गौ माता को जननी से भी उच्चा दर्जा दिया गया है ।
जहां गौ माता निवास करती है वह स्थान तीर्थ धाम बन जाता है ।
गौ माता कि सेवा परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता है ।
जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है ।
गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है ।
गाय माता आनंदपूर्वक सासें लेती है; छोडती है । वहां से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे वातावरण शुद्ध होता है ।
गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे
गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं ।
जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है ।
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