भारतीय महिलाओं के सोलह प्रकार के शृंगारों में
बिंदी भी एक है। जब कोई महिला
अपने भाल पर बिंदी लगाती है, तो
उसका शृंगार और भी अधिक सुंदर लगने लगता है।
किंतु हिंदू धर्म में बिंदी मात्र सौंदर्य बढ़ाने का
माध्यम या सुहाग का प्रतीक ही
नहीं है, बल्कि इसके साथ-साथ बिंदी
लगाने के अनेक वैज्ञानिक लाभ भी हैं।

1. एकाग्रता में वृद्धि बिंदी -
दोनों भौंहों के बीच लगाई जाती है, जहाँ
आज्ञा चक्र स्थित होता है। हमारे मन का नियंत्रण
इसी चक्र के माध्यम से होता है और मन को
एकाग्र करने के लिए इसी चक्र पर हल्का दबाव
दिया जाता है। बिंदी लगाने से आज्ञा चक्र पर दबाव
पड़ता है और एकाग्रता में वृद्धि होती है।

2. बिंदी करे सिर दर्द छूमंतर-
एक्युप्रेशर चिकित्सा पद्धति के अनुसार सिर दर्द होने पर
आज्ञा चक्र पर मालिश करने या दबाव डालने से नसें और रक्त
कोशिकाएँ तनावमुक्त हो जाती हैं और सिर दर्द
छूमंतर हो जाता है। अतः इस स्थान पर बिंदी लगाने
से सिरदर्द की समस्या कम सताती है।
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3. बिंदी बढ़ाए नेत्र ज्योति
बिंदी लगाने का स्थान आज्ञा चक्र आँखों
की उन मांसपेशियों और त्वचा से जुड़ा होता है,
जिससे आंखें चारों दिशाओं में घूमती हैं। अतः आज्ञा
चक्र पर दबाव पड़ने से नेत्र ज्योति में वृद्धि होती
है।

4. श्रवण शक्ति में वृद्धि
कान की तंत्रिका से संबंधित नस बिंदी
लगाने के स्थान आज्ञा चक्र से भी होकर
गुजरती है। बिंदी के द्वारा इस चक्र
पर दबाव पड़ने से सुनने की क्षमता
बढ़ती है।

5. बिंदी रखे साइनस दूर
साइनस के रोगियों के लिए भी बिंदी लगाना
लाभप्रद है क्योंकि बिंदी लगाने के स्थान आज्ञा
चक्र का नाक की नली से
सीधा संबंध है और इस पर दबाव डालने से म्यूकस
सरलता से निकल जाता है।

6. बिंदी लगाएँ, झुर्रियाँ भगाएँ
बिंदी लगाने के स्थान आज्ञा चक्र पर दबाव डालने
से रक्त संचार तेज होता है !!

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