आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। आश्विन शुक्लपक्ष प्रथमा को कलश की स्थापना के साथ ही भक्तों की आस्था का प्रमुख त्यौहार शारदीय नवरात्र आरम्भ हो जाता है। मार्कण्डेय पुराण में शक्ति दुर्गा के नौ रुपों की चर्चा की गई है और नवरात्र में इनकी पूजा के विशेष फल बताए गए हैं।
नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में मां भगवती के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है।
नवरात्र 2016 की तिथियां (Navratri 2016 Dates)
01 अक्टूबर, 2016 : इस दिन घटस्थापना शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 17 मिनट से लेकर 07 बजकर 29 मिनट तक का है। प्रथम नवरात्र को देवी के शैलपुत्री रूप का पूजन किया जाता है।
02 अक्टूबर 2016 : इस वर्ष प्रतिपदा तिथि दो दिन होने की वजह से आज भी देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी।
03 अक्टूबर 2016 : नवरात्र की द्वितीया तिथि को देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
04 अक्टूबर 2016 : तृतीया तिथि को देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाती है।
05 अक्टूबर 2016 : नवरात्र पर्व की चतुर्थी तिथि को मां भगवती के देवी कूष्मांडा स्वरूप की उपासना की जाती है।
06 अक्टूबर 2016 : पंचमी तिथि को भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
07 अक्टूबर 2016 : नारदपुराण के अनुसार आश्विन शुक्ल षष्ठी को मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।
08 अक्टूबर 2016 : नवरात्र पर्व की सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।
09 अक्टूबर 2016 : अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं।
10 अक्टूबर 2016 : नवरात्र पर्व की नवमी तिथि को देवी सिद्धदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है। सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्र में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूर्ण हो जाता है।
11 अक्टूबर 2016 : बंगाल, कोलकाता आदि जगहों पर जहां काली पूजा या दुर्गा पूजा की जाती है वहां दसवें दिन दुर्गा जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
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