पंजाब : एक दृष्टि में 

स्थापना                  1 नवम्बर , 1966 
राजधानी                 चण्डीगढ़ 
क्षेत्रफल                  50362 वर्ग किमी 
पड़ोसी राज्य            हरियाणा , राजस्थान , हिमाचल                                 प्रदेश तथा जम्मू एवं कश्मीर 
पड़ोसी देश               पाकिस्तान 
अक्षांश                    30°31N से 30°54N 
देशान्तर                   75°57E से 75°53 ' E 
जिलों की संख्या        22 
मण्डलों की संख्या     5 ( जालन्धर , रूपनगर ,                                        पटियाला ,फिरोजपुर,फरीदकोट )                  
नगर निगम             10 
नगर पालिका          75 ( क्लास - 1 ( 28 ) / 
                            क्लास 2   ( 47 )
नगर पंचायत          56 
गांवों की संख्या       12581 
विधानमण्डल         एकसदनात्मक 
विधानसभा सदस्य   117 
लोकसभा सदस्य      13 
 राज्यसभा सदस्य।     7 
उच्च न्यायालय        पंजाब एवं हरियाणा उच्च                                           न्यायालय
राजकीय चिह्न         अशोक स्तम्भ , गेहूँ की बाली तथा                              दो तलावार 
राजकीय पशु           काला हिरण 
राजकीय वृक्ष           शीशम 
राजकीय पक्षी          उत्तर भारतीय बाज 
राजकीय पूष्प          ग्लैडियॉलस 


जनसंख्या आँकड़े      
कुल जनसंख्या           27743338
(जनगणना 2011) 
 जनसंख्या घनत्व       550 / व्यक्ति प्रति वर्ग किमी । लिंगानुपात                 893 
साक्षरता  दर                75 . 84 % 
सर्वाधिक साक्षरता      होशियारपुर (84 . 59 %) जिला न्यूनतम साक्षरता         जिला मंसा ( 61 . 68 % ) सर्वाधिक जनसंख्या     लुधियाना ( 3498739 ) 
न्यूनतम जनसंख्या       बरनाला ( 595527 )  

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इतिहास और संस्कृति 

• पंजाब में पुरापाषाणकालीन सभ्यता के साक्ष्य सोहन घाटी से प्राप्त हुए हैं । रोपड़ , जालन्धर तथा नवांशहर से पाषाणयुगीन औजारों तथा हथियारों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।

• सिन्धु घाटी सभ्यता का विस्तार पंजाब में हुआ था । यहाँ हड़प्पा सभ्यता से जुड़े कई स्थल विद्यमान हैं । मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा भी इसी क्षेत्र के हिस्से थे । 

• महाभारत में पंजाब के कई राज्यों की चर्चा मिलती है , जिसमें त्रिगर्त प्रमुख है । कटोच राज्य की चर्चा भी ' महाभारत ' में हुई हैं । 

वैदिक काल 

• पंजाब वैदिक संस्कृति का केन्द्र था । ऋग्वेद में वर्णित ' सप्त सैन्धव प्रदेश पंजाब से सन्दर्भित है । सप्त सैन्धव ' प्रदेश की पाँच नदियाँ पंजाब से प्रवाहित होती है । इसलिए राज्य का नाम पंजाब ' है । 

• वैदिक काल के कई कबीले वर्तमान पंजाब में निवास करते थे । दसराज्ञ युद्ध ' की चर्चा ऋग्वेद में है , जो पंजाब में दृष्द्वती नदी के किनारे लड़ा गया था । 

• वेदों की रचना पंजाब में हुई थी । वैदिक आर्यों के उत्तर पूर्व की ओर विस्तार के बाद उत्तर वैदिक काल में पंजाब का महत्व कम हुआ तथा आर्यों ने उत्तर भारत को अपना निवास स्थल बनाया । 

मौर्य तथा उसके बाद 

• सिकन्दर 326 ई . पू में पंजाब तक पहुँचा था , किन्तु झेलम के पश्चिमी हिस्से से वापस लौट गया । चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन में पंजाब , मगध साम्राज्य का हिस्सा था।
• मौर्य शासन की शिथिलता के बाद पंजाब पर शक , कुषाण तथा पार्थियनों ने शासन किया । गुप्त शासकों ने क्षत्रपों की सहायता से . पंजाब पर शासन किया । 

• हर्षवर्द्धन के शासन काल में पंजाब तथा उत्तर भारत एकीकृत शासन तन्त्र के तहत शासित था । 

मध्यकालीन पंजाब 

• मध्यकाल में पंजाब मुसलमानों के अधीन रहा । सबसे पहले गजनवी , गोरी , गुलाम वंश , खिलजी वंश , तुगलक , लोधी और मुगल वंशों का पंजाब पर अधिकार रहा । 

• मुगल शासन के दौरान बाबर ने सबसे पहले पंजाब को अपने साम्राज्य का हिस्सा बनाया । पन्द्रहवी और सोलहवीं शताब्दी में पंजाब के  इतिहास ने नया मोड़ लिया । गुरु नानक देव की शिक्षाओं से यहाँ भक्ति आन्दोलन ने जोर पकड़ा । सिख पन्थ ने एक धार्मिक और सामाजिक आन्दोलन को जन्म दिया , जिसका मुख्य उद्देश्य धर्म और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना था । 

• दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने सिखों को खालसा पन्थ के रूप में संगठित किया तथा एकजुट किया । उन्होंने देशभक्ति , धर्मनिरपेक्षता और मानवीय मूल्यों पर आधारित पंजाबी राज की स्थापना की । एक फारसी लेख के शब्दों में महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को सिख साम्राज्य में बदल दिया , किन्तु उनके देहान्त । के बाद अन्दरूनी साजिशों और अंग्रेजी नीतियों के कारण पूरा साम्राज्य छिन्न - भिन्न हो गया । अंग्रेजों और सिखों के बीच दो निष्फल युद्धों के बाद वर्ष 1849 में पंजाब ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया । 

स्वतन्त्रता संघर्ष 

 • भारतीय स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब की महत्वपूर्ण भूमिका रही । वर्ष 1913 में लाला हरदयाल ने गदर पार्टी का गठन यूएसए में । किया । गदर पार्टी का उददेश्य पंजाब में । स्वतन्त्रता संघर्ष को तेज करना था ।
जलियाँवाला बाग घटना ( 13 अप्रैल , 1919 ) का पंजाब और भारत के स्वतन्त्रता संघर्ष में महत्वपूर्ण स्थान है । इस हत्याकाण्ड के दोषी तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर ओडायर को उद्यम सिंह ने वर्ष 1940 मैं लन्दन में मार डाला । 

• भगत सिंह की भूमिका भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय है । वर्ष 1924 में उन्होंने ' नवजवान भारत सभा स्थापित की तथा क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया । 

• वर्ष 1928 में लाला लाजपत राय ने साइमन कमीशन के विरोध में प्रदर्शन का नेतृत्व किया । इसी दौरान लाठियों की चोट के कारण उनका निधन हो गया । • वर्ष 1929 में भगत सिंह तथा बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली में ' सेण्ट्रल एसेम्बली ' में बम फेंका । 23 मार्च , 1931 को भगत सिंह , राजगुरु तथा सुखदेव को लाहौर जेल में फाँसी दी गई । 

 • स्वतन्त्रता आन्दोलन में गाँधीजी के आगमन से बहुत पहले ही पंजाब में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष आरम्भ हो चुका था । अंग्रेजों के खिलाफ यह संघर्ष सुधारवादी आन्दोलनों के रूप में प्रकट हो रहा था । सबसे पहले आत्म अनुशासन और स्वशासन में विश्वास करने वाले नामधारी सम्प्रदाय ने संघर्ष का बिगुल 
बजाया । 

• बाद में लाला लाजपतराय ने स्वतन्त्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई । चाहे देश में हो या . विदेश में , पंजाब स्वतन्त्रता संग्राम में हर मोर्चे पर आगे रहा । देश की आजादी के बाद पंजाब को विभाजन की विभीषिका का सामना करना पड़ा , जिसमें बड़े पैमाने पर रक्तपात तथा विस्थापन हुआ । विस्थापित लोगों के पुनर्वास के साथ - साथ राज्य को नए सिरे से संगठित करने की भी चुनौती थी ।

राष्ट्रीय उद्यान / वन्यजीव अभ्यारण्य 

• पंजाब में 12 वन्यजीव अभ्यारण्य हैं । इसके अतिरिक्त राज्य में दो जैविक उद्यान , तीन डियर पार्क तथा दो सामुदायिक संरक्षण स्थल अवस्थित हैं । ' हरिके आर्द्रभूमि ' को राष्ट्रीय उद्यान का दर्गा दिया गया है । यह फिरोजपुर , फरीदकोट तथा भटिण्डा जिलों में अवस्थित है । 

राज्य के वन्यजीव अभ्यारण्य निम्न हैं
 वन्यजीव अभ्यारण्य।         स्थापना वर्ष 
1 . बीर एश्वान                     1952
2 . बीर भादसन                   1952 
3 . बीर बुनेरहेरी                   1952 
4.  बीरबीर दोसांझ                1952 
5 . बीर महासवाला               1952 
6 . बीर मोतीबाग                  1952 
7 . बीर गुरदयालपुरी              1977 
8 . झज्झर बचोली                 1998 
9 . अबोहर                           1988 
10 . तखनी रेहमपुर                1992 
11 . कथलोर कुशालियान         2007 
12 . नांगल                            2009 

नदियाँ 

• पंजाब ' का नामकरण राज्य में प्रवाहित नदियों के आधार पर हुआ है । 
•  इस राज्य की पाँच बड़ी नदियाँ है - सतलज , व्यास , रावी , चनाब , झेलम । ये सभी नदियाँ सिन्धु की सहायक नदियाँ हैं। 
• सतलज पंजाब की सबसे लम्बी नदी है । ऋग्वेद में इसे शुतुदि' कहा गया है । पंजाब में इस नदी की लम्बाई 1050 किमी है । ऋग्वेद के नदी सूक्त में पंजाब की नदियों की चर्चा है ।


 बाँध 

• पंजाब में चार बड़े बाँध हैं । ये हैं 
• भाखड़ा नांगल बाँध 
• दमसाल 
• रणजीत सागर बाँध 
• शाहपुरकण्डी बाँध 
  
• भाखड़ा नांगल बाँध सतलज नदी पर निर्मित है । यह पंजाब - हिमाचल प्रदेश की सीमा पर है । इसकी लम्बाई 620 मी तथा ऊँचाई 226 मी है । दमसाल बाँध होशियारपुर जिले में 

• दमसाल नदी पर निर्मित है । इसकी ऊँचाई 26 . 5 मी है । रणजीत सागर बाँध को थीन बाँध भी कहते हैं । यह पठानकोट जिले में है । सहरपुकण्डी रणजीत सागर बांध का ही एक हिस्सा है ।

कृषि 

• पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है । यहाँ गेहूँ का सबसे अधिक उत्पादन होता है । अन्य मुख्य फसलों में चावल , कपास , गन्ना , बाजरा , मक्का , चना और फल शामिल है । प्रमुख उद्योगों में कपड़ा और आटा शामिल है ।

• पंजाब पृथ्वी का सर्वाधिक उपजाऊ क्षेत्र रहा है । यह गेहूँ उत्पादन के लिए आदर्श क्षेत्र है । चौवल , गन्ना , सब्जियों एवं फलों का भी यहाँ अच्छा उत्पादन होता है । भारतीय पंजाब को भारत का ' अन्न - भण्डार ' कहा जाता है । 

• यहाँ भारत के कुल गेहूँ उत्पादन का 60 % और चावल का 40 % उत्पादन होता है । विश्व के परिदृश्य में इन फसलों का विश्व के कुल उत्पादन का 1 / 30वाँ अथवा 3 % का योगदान करता है । 

• भारतीय पंजाब का आधारभूत ढाँचा पूरे भारत में सर्वाधिक बेहतर है । यहाँ के निवासी औसत के आधार पर भारत के सर्वाधिक धनी लोग हैं । 


सिंचाई 

• पंजाब में कृषि के विकसित होने का महत्वपूर्ण कारण सिंचाई की उपलब्धता है । राज्य में सर्वाधिक सिंचाई नहरों द्वारा होती है । 

• पंजाब में 14500 किमी लम्बी नहर प्रणाली है । राज्य में कुल कृष्य भूमि का 99 % हिस्सा सिंचित है । 

• सिंचित क्षेत्र का 27 % नहरों द्वारा सिंचित है , जबकि 73 % हिस्सा नलकूपों से सिंचित है ।

परिवहन 

• सड़क राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई 2769 किमी है । राज्य से होकर 24 NH गुजरते हैं । 

• मध्य कालीन ग्रॉण्ड टंक रोड ( जीटी रोड ) . अमृतसर , जालन्धर तथा पटियाला से होकर गुजरती है । राज्य में सबसे लम्बा GT , NH - 64 है । 

• भारत माला परियोजना के तहत पंजाब में 473 किमी लम्बी 13 परियोजनाओं को आरम्भ किया गया है । 

रेल परिवहन

• सम्पूर्ण पंजाब उत्तर , रेलवे के तहत आता है । राज्य में रेलवे स्टेशनों की संख्या 299 है । -

• भटिण्डा , पंजाब का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है । अमृतसर तथा लुधियाना भारतीय रेलवे के A - 1 ' श्रेणी के स्टेशन हैं । 

•  पंजाब में रेलवे लाइन की कुल लम्बाई 2269 . 27 किमी है । 

वायु परिवहन 

• पंजाब में एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर में है । इसका नाम श्री गुरुरामदास जी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है । राज्य में चार घरेलू हवाई अड्डे हैं

राजनीतिक - प्रशासनिक ढाँचा 

• पंजाब में विधानमण्डल एकसदनात्मक है । सर्वाधिक विधानसभा सीट लुधियाना में ( 14 ) तथा सबसे कम सीट मंसा , नवांशहर , पठानकोट , रूपनगर , एसएएस नगर , फतेहगढ़ साहिब , फरीदकोट में ( 3 ) हैं । 

गोपीचन्द भार्गव ( 1947 - 49 ) पंजाब के पहले मुख्यमन्त्री थे । सीएम त्रिवेदी ( 1947 - 53 ) राज्य के पहले राज्यपाल थे । राणा कंवर पाल सिंह पंजाब विधानसभा के पहले अध्यक्ष थे । 

पर्यटन 

• पंजाब राज्य में बहुत से पर्यटन स्थल हैं , जबकि यह सभी स्थान राज्य के विविध शहरों में स्थापित है । इनमें से कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल निम्न है . 
• गोल्डन टेम्पल ( अमृतसर ) 
• जगतजीत पैलेस ( कपूरथला ) 
• रॉक गार्डन ( चण्डीगढ़ ) 
• बीर मोटी बाघ अभ्यारण्य ( पटियाला ) 
• महाराजा रणजीत सिंह वॉर म्यूजियम ( लुधियाना )
• भटिण्डा प्रणाली उद्यान ( भटिण्डा )
• शहीद - ए - आजम सरदार भगत सिंह म्यूजियम ( जालन्धर ) 
• नूरपुरनूरपुर किला ( पठानकोट )
•  दुर्गियाना मन्दिर , जलियाँवाला बाग ,आनन्द पुर         साहिब  भाखड़ा नांगल , 
• रोपड़ ( सिन्धु घाटी की सभ्यता का एक केन्द्र ) प्रमुख पर्यटन स्थल हैं । 
• भटिण्डा में प्राचीन किला है । 

• राजधानी चण्डीगढ़ , जिसकी योजना फ्रांसीसी वास्तुकार ली कोर्बजियर ने तैयार की थी , भी महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है । 

वाघा बॉर्डर  

यह अमृतसर से तकरीबन 28 से 30 किमी की दूरी पर स्थित है । वर्ष 1999 में अमन सेतु खुलने से पहले भारत - पाक के बीच आवाजाही के लिए यही एकमात्र सड़क मार्ग था । अटारी स्टेशन रेल यातायात के लिए उपयोग किया जाता है । यहाँ न केवल नागरिकों का आना जाना , बल्कि दोनों देशों के बीच व्यावसायिक आयात - निर्यात भी होता है । विभाजन के दौरान इसी रास्ते से अधिकांश लोगों का विस्थापन हुआ था , जिसके चलते इन स्थानों पर सर्वाधिक खून - खराबा हुआ था । इस बॉर्डर को एशिया की बर्लिन वाल भी कहा जाता है ।

स्वर्ण मन्दिर 

सोने और संगमरमर से जगमगाता स्वर्ण मन्दिर यहाँ की शोभा है । मन्दिर में कलशों एवं दीवारों पर सोना चढ़ा है , मन्दिर परिसर में सेण्ट्रल सिख म्यूजियम है , जहाँ अनेक कलाकृतियाँ एवं पेण्टिंग्स सुरक्षित है । 

अकालतख्त 

यह सिख गुरुओं के आसन के तौर पर प्रयोग होता था । समुदाय के लिए यहाँ से फरमान अर्थात् नीतिगत निर्णय जारी होते थे , जिनकी समुदाय में काफी मान्यता थी । - 

जलियाँवाला बाग 

13 अप्रैल , 1919 को यहाँ ब्रिटिश जनरल डायर ने शान्तिपूर्ण सभा कर रहे निहत्थे लोगों को गोलियों से भून डाला था । इन्हीं की याद में यह उद्यान बनाया गया । 

दुर्गियाना मन्दिर 

यह मन्दिर चारों ओर से सरोवर से घिरा है । इसके अलावा यहाँ बाबा अटल राय , खालसा कॉलेज , गुरुद्वारा शाहिदा आदि भवन देखने लायक हैं ।

मोतीबाग पैलेस 

पटियाला में स्थित यह बाग 19वीं शताब्दी में बना हुआ है । इसे लाहौर के प्रसिद्ध शालीमार बाह की तर्ज पर बनाया गया है । यहाँ आर्ट गैलरी भी है । 

रॉक गार्डन 

चण्डीगढ़ में स्थित इस गार्डन की स्थापना वर्ष 1967 में एक सरकारी अफसर नेकचन्द ने की थी । इस गार्डन का निर्माण कबाडी की वस्तुओं जैसी - टूटी चूड़ियों , तारों , टूटे , फूटे बर्तनों से किया गया है । 

शीशमहल 

यह महाराजा नरेन्द्र सिंह के शासनकाल में बनवाया गया था । यहाँ गार्डन , फव्वारे आयर कृत्रिम झील पर्यटकों का मन मोह लेती हैं । दोहारा किला इसी किले में ' रंग दे बसन्ती ' फिल्म के कुछ दृश्यों की शूटिंग हुई थी । फिल्म की अपार सफलता के बाद इस किले का नाम RDB फोर्ट कर दिया गया । 

पंजाब की कला - संस्कृति 

पंजाब कला और शिल्प में अपने अत्यन्त रुचि के लिए प्रसिद्ध हैं । पंजाब के कला और शिल्प के साथ जुड़ी कई चीजें दुनिया भर में उनकी गुणवत्ता और सौन्दर्य के लिए जाने जाते हैं । ' फुलकारी अपने जटिल काम के लिए दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है । क्षेत्र के अन्य प्रसिद्ध शिल्प में लाह का काम , लकड़ी का काम , कैलिको पेण्टिंग , पेपर माच और कई और अधिक शामिल हैं । लकड़ी के फर्नीचर को कारीगरों द्वारा उत्कृष्ट शिल्प कौशल के साथ तैयार किया गया है । 

पंजाब के मेले / त्योहार एवं उत्सव 

पंजाबी बहुत से महोत्सव मनाते हैं और बहुत से महोत्सवों को देशभर में भी मनाया जाता है । कुछ प्रसिद्ध महोत्सव निम्न है पंजाब के मेले एवं त्योहार निम्न प्रकार हैं । 

• दशहरा 
• दीपावली 
• होली
• मुक्तसर का माघी मेला 
• किलाकिला रायपुर में ग्रामीण खेल । 
• पटियाला का बसन्त 
• आनन्दपुर साहिब का होला मोहल्ला 
• तलवण्डी साबू में वैशाखी 
• संरहिन्द में रोजा शरीफ पर उर्स , छप्पर मेला  
• फरीदकोट में शेख फरीद आगम पर्व * 
• गाँव रामतीरथ में राम तीरथ - 
• सरहिन्द में शहीदी जोर मेला 
• हरि वल्लभ संगीत सम्मेलन 
• जालंधर में बाबा सोदाल आदि

लोक नृत्य 

पंजाबी गाने गायन से परिपूर्ण हैं । पंजाबी संगीत उत्साह को जोड़ता है । पंजाब की नत्य शैली में भाँगड़ा , गिद्दा , किकली और समी लोकप्रिय हैं । यहाँ त्योहारों के दौरान नत्य और गीत बहुत अनिवार्य होते हैं । पंजाब के त्योहार संस्कृति को और अधिक रोचक बनाते हैं । 

धर्म / भाषा 

धर्म  

सिख धर्म पंजाब का मुख्य धर्म है । राज्य के लगभग 60 % नागरिक सिख धर्म के अनुयायी हैं । पंजाब भारत के उन छह राज्यों में से है , जहाँ हिन्दुओं का बहुमत नहीं है । सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल , हरिमन्दिर साहिब , पंजाब के अमृतसर नगर में है , जोकि सिखों का पवित्रतम नगर है । अमृतसर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है । 

भाषा 

पंजाब की भाषा पंजाबी है , यहाँ की लिपि गुरुमुखी है । पंजाब की लगभग 25 % जनता हिन्दी बोलती है , विशेष तौर पर हरियाणा और राजस्थान से सटे इलाकों में हिन्दी को लगभग पूरी जनसंख्या द्वारा समझा जाता है , जबकि शहरों में रहने वाले लोग हिन्दी भी बोल सकते हैं ।

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